-पोखरों, नदियों-नहरों के सौंदर्यीकरण और सड़कों के विकास पर भी हुई चर्चा
सहारनपुर। सूरत और अहमदाबाद में महापौर व नगरायुक्तों की पांच दिवसीय कार्यशाला में अर्जित ज्ञान व समझ को शहर के विकास में उपयोगी बनाते हुए आगामी पांच वर्षो में अनेक जनोपयोगी परियोजनाओं को शुरु कराया जायेगा, ताकि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की इच्छा के अनुरुप सहारनपुर के विकास रथ को तेजी से आगे बढ़ाया जा सके। मेयर डॉ. अजय कुमार सिंह ने सूरत व अहमदाबाद की पांच दिवसीय कार्यशाला से लौटने के बाद यह बात कही। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों के मेयर व नगरायुक्तों को सरकार द्वारा पांच दिवसीय विजिट पर सूरत व अहमदाबाद भेजा गया था। सहारनपुर से महापौर डॉ.अजय कुमार सिंह व नगरायुक्त ग़ज़ल भारद्वाज ने भी उक्त कार्यशाला में भागेदारी की।
महापौर ने बताया कि कार्यशाला के दौरान सूरत व सीईपीटी यूनिवर्सिटी अहमदाबाद द्वारा विभिन्न विषयों पर सेमीनार तथा विभिन्न परियोजना स्थलों का भ्रमण कराया गया। उन लोगांे से भी संवाद स्थापित कराया गया जो नगर निगमों की कार्य प्रणाली को विश्व स्तरीय बनाने में सहायक सिद्ध हुए है। इस दौरान यह भी बताया गया कि नगर निगमों की कार्यप्रणाली को जनप्रभावी बनाने की दिशा में अधिकारियों, अर्बन डिजाइनर्स, अरबन प्लानर्स, विभिन्न क्षेत्रों के समाज सेवियों, उद्योगपतियों व राजनैतिक पक्ष के साथ सामंजस्य की आवश्यकता रहती है।
पांच दिवसीय कार्यशाला में सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट,प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट, कंस्ट्रक्शन प्लांट, मटेरियल प्रोसेसिंग प्लांट व वाटर ट्रीटमेंट प्लांट आदि का स्थलीय भ्रमण कराया गया और उनकी कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी दी गयी। महापौर व नगरायुक्तों को बताया गया कि प्रधानमंत्री जी व मुख्यमंत्री जी के मन में विचार है कि हमारे शहर सुंदर दिखायी दें और सड़के केवल वाहन चालकों की सुविधा का ही साधन न बने बल्कि पैदल चलने व साइकिल चलाने वालों के लिए सुविधायुक्त भी हों। इसी तरह हमारे पार्क न केवल संुदर हो बल्कि वह हर आयु वर्ग के लिए जनोपयोगी भी हो।
कार्यशाला के दौरान इस बात पर भी बल दिया गया कि हमारे शहरों के कोई भी क्षेत्र हो, चाहे पुलों के नीचे छोटे-छोटे हिस्से हों उन्हें विकसित कर उनका सौंदर्यीकरण किया जाए। निगम क्षेत्रों के पोखरों, नदियों व नहरों आदि सभी जल स्त्रोतों का सौंदर्यीकरण, जल संचयन व पानी के उचित निकासी आदि पर भी विस्तार से चर्चा की गयी। इसके अलावा शहरों को विकास की दृष्टि से ऊपर ले जाने में मददगार पीपीपी मोड (प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप),मेनटेनंेस एण्ड आप्रेशन बिट और अन्य मॉडलों के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गयी। सभी महापौर व नगरायुक्तों ने उन लोगों से भी मुलाकात की जिन्होंने पीपीपी मोड में न केवल पोखरों व सड़कों को विकसित किया है बल्कि विश्व स्तरीय मॉल भी बनाये है और जो निगमों की आय के साधन बने हैं।
उन्होंने बताया कि यह कार्यशाला एक शुरुआत है। सीपीईटी यूनिवर्सिटी कैम्पस में विभिन्न विषयों, अरबन प्लानिंग, अरबन डिजाइनिंग, री-ओपन एनर्जी, ऑर्किटेक्चर व अर्थशास्त्र के विभिन्न विद्वानों से हुई चर्चा तथा उनके साथ जो तारतम्य और सामंजस्य स्थापित हुआ है, उसके आधार पर उनका मार्गदर्शन लेकर आगामी पांच वर्षो में अपने शहर और निगम को विकास की दृष्टि से आगे ले जाने का प्रयास किया जायेगा। महापौर ने इस दौरान मार्गदर्शन के लिए केशव वर्मा, एडवाइजर अरबन डवलपमंेट यूपी व चेयरमैन साबरमती रिवर फ्रंट तथा चेयरमैन पूर्व म्युनिसपिल कमिश्नर अहमदाबाद तथा आयोजन समिति का भी आभार जताया।