मेरा सभी महिला साथीयो से निवेदन है, की महिला मुद्दों पर अपनी बात रखें। महिलाओं की समस्याएं हम नहीं उठायेंगे तो फिर कौन उठाएगा ????
क्या देहरादून के सभी स्कूलों, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में, पर्याप्त मात्रा में, सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीन उपलब्ध है?
मासिक धर्म कोई बीमारी नहीं है बल्कि एक नितांत प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसे सदियों से एक समस्या के रूप में देखा जाता रहा है, लेकिन आज जब दुनिया 21वीँ सदी के तीसरे दशक में है, सुनीता विलियम्स नामक महिला वैज्ञानिक कई महीने से अंतरिक्ष में है, खेलों से लेकर युद्ध के मैदान में, महिलाएं अपना परचम गाड़ चुकी हैं, तब हमारे लिए भी यह आवश्यक है कि हम दकियानूसी सोच से बाहर निकलकर इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा करें.
देहरादून राजधानी होने के साथ साथ शिक्षा का केंद्र भी है. अनेक युवा लड़कियां शिक्षा और रोजगार के लिए शहर में आती हैं, इसलिए भी यह आवश्यक है कि सेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन, प्रमुख स्थानों के साथ साथ, शैक्षणिक संस्थानों में उपलब्ध रहें. ताकि जरूरत के समय लड़कियां विशेषकर छोटी उम्र की लड़कियां बिना झिझक उनका इस्तेमाल कर सकें.
शहर सिर्फ बड़े बड़े बोर्ड या दुकानों पर एक ही तरह के होर्डिंग लगाने से स्मार्ट नहीं बनेगा, बल्कि शहर स्मार्ट बनेगा जब स्मार्ट तरीके से, संवेदनशीलता के साथ स्मार्ट नीतियाँ बनाई जायेंगी.
आईये देहरादून को, लैंगिक संवेदनशील और स्मार्ट शहर बनाने के लिए मिलकर काम करें.
(मीनाक्षी घिल्डियाल)
देहरादून मेयर पद की प्रत्याशी