22 C
Sahāranpur
September 14, 2024
Uncategorized

आत्मा को उत्सर्ग की ओर ले जाने वाला पर्व -पयुर्षण पर्व

जैन मत के मानने वालों का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पर्व है पयुर्षण पर्व। यह पर्व आत्मबल को मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त करता है। इस आध्यात्मिक पर्व के दौरान कोशिश यह की जाती है कि जैन धर्म को मानने वाला हर व्यक्ति अपने जीवन को मन से , वचन से, कर्म से इतना आत्मसात कर ले कि वर्ष भर की जो भी ज्ञात-अज्ञात जीवन में गलतियां हुई हैं, आत्मा पर सभी प्रकार का मैल धुल जाए,वह सब धुल जाए। अपने अंदर सुसंस्कारों को सुदृढ़ बनाने और अपसंस्कारों को तिलांजलि देने का यह अपूर्व अवसर है। इस पर्व में श्वेताम्बर परम्परा में आठ दिन एवं दिगम्बर परम्परा में दस दिन इतने महत्वपूर्ण हैं कि इनमें व्यक्ति स्वयं के द्वारा स्वयं को देखने का प्रयत्न करता है। ये दिन नैतिकता और चरित्र की चौकसी का काम करते हैं और व्यक्ति को प्रेरित करते हैं वे भौतिक और सांसारिक जीवन जीते हुए भी आध्यात्मिकता को जीवन का हिस्सा बनाएं।
आत्मोत्थान तथा आत्मा को उत्कर्ष की ओर ले जाने वाले इस महापर्व की आयोजना प्रतिवर्ष चातुर्मास के दौरान भाद्रव मास के शुक्ल पक्ष में की जाती है। इस महापर्व मंे निरंतर धर्माराधना करने का प्रावधान है। इन दिनों जैन श्वेतांबर मतावलंबी पर्युषण पर्व के रूप में आठ दिनों तक ध्यान, स्वाध्याय, जप, तप, सामायिक, उपवास, क्षमा आदि विविध प्रयोगों द्वारा आत्म-मंथन करते हैं। दिगंबर मतावलंबी दशलक्षण पर्व के रूप में दस दिनों तक इस उत्सव की आराधना करते हैं।

Related posts

नगर निगम में जनसुनवाई करती नगरायुक्त ग़ज़ल भारद्वाज

Rajnitin Singh Rawat

Rajnitin Singh Rawat

देहरादून के जरूरतमंद एवं वंचित लोगों की आवाज -मीनाक्षी घिल्डियाल

Rajnitin Singh Rawat

Leave a Comment