सहारनपुर। श्री कृष्णा छठी पूजन देवता एवं ऋषि मुनियों ने गोकुल में किया। स्वामी कालेंद्रानंद महाराज आज श्री रामकृष्ण विवेकानंद संस्थान के तत्वाधान में राधा विहार स्थित महाशक्ति पीठ वैष्णवी महाकाली मंदिर में श्री कृष्णा छठी पूजन महोत्सव अवसर पर आयोजित श्री कृष्ण छठी महोत्सव पूजन कार्यक्रम में ज्ञान की अमृत वर्षा कर रहे थे। इससे पूर्व श्री लड्डू गोपाल जी का एवं राधा कृष्ण जुगल जोड़ी का महा स्नान पंचवर्ष से किया गया। तदुपरांत राधा कृष्ण एवं लड्डू गोपाल जी का भविष्य श्रृंगार किया गया एवं भगवान को सभी भक्तों द्वारा अपने भाव से घर में बने हुए छप्पन भोग भगवान श्री कृष्ण को अर्पण किए गए और सभी भक्तों ने भाव से भगवान श्री कृष्ण की आरती उतारी तथा भक्तों को भंडारे में छप्पन भोग्य वितरण किया गया। श्री कृष्णा छठी महोत्सव की महिमा का वर्णन करते हुए स्वामी कालेंद्रानंद महाराज ने कहा है कि श्री कृष्ण की छठी मनाने का मूल उद्देश्य जीव के छह विकारों को निग्रहित करना है अर्थात भगवान को अपने सभी भाव अर्पण कर उनसे यही प्रार्थना करनी है कि हमारे जीवन में सभी तृष्णा, वासना एवं विकारों का प्रभु हरण करें और हमारा जीवन भक्ति, ज्ञान, वैराग्य एवं सनातन के कल्याण के लिए अर्पण हो। महाराज श्री ने कहा कि भगवान श्री कृष्णा योगेश्वर पूर्ण ब्रह्म हैं जिनकी बाल लीला अनुकरणीय एवं अविस्मरणीय है। भगवान की बाल लीला में उनके छठी पूजन का विशेष महत्व है जिसमें सभी देवी-देवता और ऋषि मुनि पधारे थे जिनके द्वारा भगवान को अपना सर्वस्व अर्पण कर केवल यही भाव रखा गया है कि परमात्मा आप पूर्ण ब्रह्म है हमारा जीवन भी विकारों से रहित होकर पूर्णता की ओर अग्रसर हांे यही भगवान की अन्य कृपा है कि जीव कृष्णमय भाव में अपने आप को मोक्ष गामी आभास करता है।